बिहार में आरजेडी जनवरी के अंत तक सीटों के बंटवारे को फाइनल करना चाहती है, लेकिन अब सीट शेयरिंग फॉर्मूले के चलते ही महागठबंधन में दरार दिखनी शुरू हो गई है। 2019 के लोकसभा चुनावों से पहले राष्ट्रीय जनता दल (राजद) बिहार में विपक्षी गठबंधन के साथ मिलकर मोर्चा संभालने की कोशिश कर रही है। राजद चाहती है कि, जनवरी के अंत तक सीट शेयरिंग डील पूरी हो जाए। लेकिन गठबंधन में अधिक दलों के शामिल हो जाने के चलते सीटों के लेकर खींचतान शुरू हो गई है।
राजद के खाते में आ रही हैं सिर्फ 8 सीटें
भाजपा की सहयोगी पार्टी रही उपेंद्र कुशवाहा के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय लोक समता पार्टी और मुकेश सहानी की अगुवाई वाली विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) समेत सात पार्टियां बिहार में महागठबंधन का हिस्सा हैं। ये सभी बिहार की 40 लोकसभा सीटों की होड़ में शामिल हैं। दिप्रिंट के मुताबिक, इस महागठबंधन में कांग्रेस 12 सीटें मांग रही है, तो वहीं सीपीआई और सहानी की पार्टी तीन-तीन सीटें मांग रही है। इसके अलावा सीपीआई(एमएल), आरएलएसपी और जीतनराम मांझी ने चार-चार सीटों की मांग रखी है। इस हिसाब के राजद के खाते में सिर्फ आठ सीटें ही आती दिख रही हैं।
सीटों का बंटवारा करने में लालू को मास्टर
पूर्व केंद्रीय मंत्री और राजद के वरिष्ठ नेता रघुवंश प्रसाद सिंह ने कहा कि, हम काफी समस्या का सामना कर रहे हैं। प्रत्येक घटक सीटों के लिए कठिन सौदेबाजी कर रहा है। यह एक नाजुक संतुलनकारी कार्य होगा। राजद के सूत्रों ने हालांकि संकेत दिया कि राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव महीने के अंत तक सीट शेयरिंग एग्रीमेंट करने के इच्छुक हैं । इसके लिए वह पहले ही गठबंधन के कुछ सहयोगियों से मुलाकात कर चुके हैं। राजद के एक नेता ने कहा, उन्होंने (लालू ने) शरद यादव को राजद के टिकट पर चुनाव लड़ने के लिए कहा है। सीटों का बंटवारा करने में लालू को मास्टर माना जाता है। वे अपने प्रत्याशियों की घोषणा करने से पहले सहयोगियों पर जोर देंगे।