उत्तर कोरिया के नेता किम जॉन्ग उन ने कहा है कि वह परमाणु हथियारों को नष्ट करने को लेकर प्रतिबद्ध हैं लेकिन उन्होंने अमरीका को चेताया कि अगर वह उनके देश पर अपने प्रतिबंध बरक़रार रखता है तो उनका इरादा बदल भी सकता है.
किम जॉन्ग उन ने यह नई बात अपने नए साल के देश के नाम संबोधन में कही है.
पिछले साल के भाषण के बाद उन्होंने अपने देश के संबंध दक्षिण कोरिया और अमरीका के साथ बेहतर किए थे. उनके इस कूटनीतिक क़दम को अभूतपूर्व बताया जा रहा था.
किम और अमरीकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप ने जून 2018 में परमाणु हथियार नष्ट करने को लेकर मुलाक़ात की थी लेकिन इसके अब तक कुछ ही परिणाम सामने आए हैं.
2017 में उत्तर कोरिया द्वारा परमाणु मिसाइल के परीक्षण के बाद अमरीका और उत्तर कोरिया के बीच तल्ख़ियां बढ़ गई थीं. उत्तर कोरिया का दावा था कि उसकी मिसाइल अमरीका तक जा सकती है जिसके बाद दोनों के बीच युद्ध तक छिड़ने की बात हो रही थी. इसके बाद दोनों में मेल-मिलाप हुआ.
मंगलवार की सुबह सरकारी चैनल पर दिए अपने संबोधन में किम ने कहा, "अगर अमरीका पूरी दुनिया के आगे किए अपने वादे को नहीं निभाता है और हमारे गणराज्य पर दबाव और प्रतिबंध लगाता है तो हमारे पास अपने हित और संप्रभुता को सुरक्षित रखने के नए रास्ते का चयन करना होगा."
उन्होंने कहा कि वह ट्रंप से कभी भी और किसी भी समय मिलने के लिए तैयार हैं.
उत्तर कोरिया के परमाणु और बैलिस्टिक मिसाइल हथियार कार्यक्रमों की वजह से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने उस पर कई प्रतिबंध लगाए हुए हैं.
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पिछले साल उत्तर कोरिया ने रिश्ते संवारे
पिछले साल अपने नए साल के भाषण में घोषणा की थी कि उनका देश दक्षिण कोरिया में होने वाले शीतकालीन ओलंपिक में भाग लेगा जिसके कारण दोनों देशों के संबंधों थोड़े मधुर हुए थे.
इसके बाद पिछले साल जून में ही किम जॉन्ग उन ने दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून जे-इन के साथ अंतर-कोरियाई सीमा पर एक सम्मेलन में भाग लिया था.
वे दोनों दो बार मिले लेकिन पिछले साल की सबसे ख़ास मुलाक़ात किम और ट्रंप के बीच रही.
यह ऐतिहासिक सम्मेलन सिंगापुर में हुआ जहां उत्तर कोरिया और अमरीका के शीर्ष नेत मिले. ऐसा पहली बार था जब किसी उत्तर कोरिया के नेता ने अमरीकी राष्ट्रपति से मुलाक़ात की थी.
उस समय दोनों ने परमाणु हथियार नष्ट करने के लेकर साथ काम करने पर सहमति जताई थी.
इसके बाद उत्तर कोरिया ने अपने मिसाइल और परमाणु कार्यक्रम रोक दिए हैं लेकिन इसमें बहुत अधिक बदलाव नहीं हुआ है.
उत्तर कोरिया पर यह भी आरोप लग चुके हैं कि उसने अपने परीक्षण स्थलों को नष्ट नहीं किया है.
हालांकि, राष्ट्रपति ट्रंप की फ़रवरी में किम के साथ मुलाक़ात प्रस्तावित है लेकिन इसका सटीक वक़्त और जगह अभी तय नहीं है.