वॉशिंगटन। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अफगानिस्तान में पिछले 10 वर्षों के दौरान यहां पर भारत के रोल पर नाखुश जताई है। राष्ट्रपति ट्रंप चाहते हैं कि अफगानिस्तान में अमेरिका की जगह क्षेत्रीय ताकतें जैसे भारत, रूस और पाकिस्तान यहां पर तालिबान के खिलाफ युद्ध लड़ें। ट्रंप ने इस वर्ष की पहली कैबिनेट मीटिंग को बुधवार को संबोधित किया। इसी मीटिंग में उन्होंने अफगानिस्तान को लेकर कई अहम बातें कहीं। इसी मीटिंग में ट्रंप ने एक लाइब्रेरी की फंडिंग को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मजाक उड़ाया
6,000 मील की दूरी पर अमेरिका
ट्रंप ने कैबिनेट मीटिंग के दौरान यहां पर मौजूद मीडिया से बात करते हुए कहा, 'अफगानिस्तान में तालिबान के खिलाफ युद्ध लड़ने के रूस वहां क्यों नहीं है? या फिर भारत या फिर पाकिस्तान वहां पर क्यों नहीं। हम अफगानिस्तान से 6000 मील की दूरी पर हैं। लेकिन बुरा न मानें हम हमेशा अपने लोगों की मदद करना चाहते हैं। हम दूसरे देशों की मदद करना चाहते हैं।'ट्रंप ने पिछले दिनों ऐलान किया है कि अफगानिस्तान से करीब 7,000 और सीरिया से 2,000 अमेरिकी सैनिकों को वापस बुलाएंगे। ट्रंप ने साल 1979 से 1989 तक अफगानिस्तान पर रहे सोवियत संघ के कब्जे पर भी टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि रूस, सोवियत संघ हुआ करता था लेकिन आज अफगानिस्तान की वजह से यह रूस है क्योंकि यहां हुए युद्ध की वजह से वह पूरी तरह से कंगाल हो गया।